नई दिल्ली, 17 अगस्त 2020
YASH_KUMAR_SONI
@reporteryash5
आयकर विभाग के सूत्रों का कहना है कि सरकार आईटीआर फार्म में किसी तरह का संशोधन करने पर विचार नहीं कर रही है. आयकर विभाग को उच्च मूल्य के लेनदेन की जानकारी दूसरे स्रोतों से मिल जाएगी.

करदाताओं को अपने आयकर रिटर्न (ITR) में हाई वैल्यू के लेनदेन का ब्यौरा देने के बारे में सरकार आईटीआर फार्म में किसी तरह का संशोधन करने पर विचार नहीं कर रही है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. आयकर विभाग को दूसरे स्रोतों से ऐसे लेनदेन की जानकारी मिल जाएगी.
क्या है मामला
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने आजतक-इंडिया टुडे को बताया कि इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है. सूत्रों ने बताया कि वित्तीय लेनदेन के बयान (एसएफटी) के तहत किसी भी जानकारी के विस्तार का मतलब यह होगा कि आयकर विभाग को ऐसे उच्च मूल्य के लेनदेन की जानकारी वित्तीय संस्थानों द्वारा दी जाएगी. सूत्रों ने कहा, ‘आयकर रिटर्न फॉर्म को संशोधित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. करदाता को खुद अपने रिटर्न में उच्च मूल्य वाले लेनदेन का ब्यौरा देने की जरूरत नहीं होगी.'
बहुत से ऐसे टैक्सपेयर्स होते हैं जो अपनी आमदनी सालाना 2.5 लाख से भी कम दिखाते हैं, लेकिन वे बिजनेस क्लास से ट्रैवल करते हैं, विदेश यात्रा पर जाते हैं और उनके बच्चे महंगे स्कूलों में पढ़ते हैं. ऐसे लोगों के बारे में आयकर विभाग को जानकारी थर्ड पार्टी यानी इनसे जुड़े संस्थानों से मिल जाती है. ऐसे बड़े लेनदेन के लिए इसीलिए पैन या आधार संख्या दर्ज करने की व्यवस्था की गई है.
क्या थीं खबरें
गौरतलब है कि इसके पहले मीडिया में ऐसी खबरें आईं थीं कि टैक्स बेस यानी करदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए आयकर विभाग जानकारी देने लायक वित्तीय लेनदेन की सूची का विस्तार करने की तैयारी कर रहा है. यानी ऐसे लेनदेन जिनकी जानकारी लोगों को अपने आयकर रिटर्न के द्वारा आयकर विभाग को फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट (SFT) के तहत देनी होती है.
खबर में कहा गया था कि अब 20,000 रुपये से ऊपर के होटल के भुगतान, 50,000 रुपये से ज्यादा बीमा प्रीमियम और 20,000 से ज्यादा हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है. इसके अलावा, 1 लाख रुपये से ज्यादा सालाना कॉलेज फीस, विदेश यात्रा, घरेलू बिजनेस क्लास एयर ट्रैवल, व्हाइट गुड्स की खरीद, 1 लाख रुपये से ज्यादा कीमत की ज्वैलरी या पेंटिंग, डीमैट अकाउंट और बैंक लॉकर आदि को फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव है.
Nyc
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