17 अगस्त 202
YASH_KUMAR_SONI
@reporteryash5
भारत से चल रहे सीमा तनाव के बीच चीन के विदेश मंत्री ने तिब्बत का दौरा कर हैरान कर दिया है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को तिब्बत का दौरा किया जिसमें भारत से विवादित सीमाई इलाके भी शामिल हैं. कहा जा रहा है कि इस दौरे के जरिए चीन ने भारत को कड़ा संदेश देने की कोशिश की है.
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पांच दौर की सैन्य वार्ता के बावजूद भारत और चीन के बीच सीमा विवाद सुलझा नहीं है. विवाद सुलझने के बजाय ये लड़ाई अब व्यापार, तकनीक, निवेश और रणनीति के क्षेत्र तक पहुंच गई है. चीन का ये दौरा भी उसकी भारत को घेरने की रणनीति का ही हिस्सा बताया जा रहा है.

नानजियांग यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंटिस्ट गु सू ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से कहा कि चीनी विदेश मंत्री का तिब्बत दौरा काफी चौंकाने वाला है, सामान्यत: इस तरह के दौरे तभी हुए हैं जब तिब्बत को लेकर राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमुखता मिली हो. वांग ने तिब्बत का आखिरी दौरा पांच साल पहले किया था जब शी जिनपिंग ने तिब्बत को लेकर एक बैठक की अध्यक्षता की थी. सीमाई इलाकों में दौरा करके वांग ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय जगत को ये संदेश दे दिया कि चीन विवादित सीमाई इलाकों में अपनी संप्रुभता को लेकर आक्रामक रहेगा.
शंघाई म्युनिसिपल सेंटर फॉर इंटरनेशनल स्टडीज में भारत से जुड़े मामलों के जानकार वांग देहुआ ने कहा कि चीन ने ये कदम इसलिए उठाया है क्योंकि वो नहीं चाहता है कि भारत के सामने कमजोर नजर आए. गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से मोदी सरकार ने चीनी फर्मों को ध्यान में रखते हुए कई आर्थिक प्रतिबंध लागू किए हैं. भारत ने 59 चीनी ऐप बैन करने समेत चीनी और पड़ोसी देशों के लिए निवेश के नियमों को भी सख्त कर दिया है. इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हिंद-प्रशांत रणनीति को अपनाते हुए हथियार खरीद और सैन्य साजो-सामान भी बढ़ा रहा है.
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